दैनिक अवंतिका उज्जैन।
नागपंचमी पर मंगलवार को लाखों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते श्रद्धालु परेशान भी हुए। सबसे अखरने वाली बात यह रही कि लोग सुबह से शाम तक यानी 8 से 10 घंटे तक आम लाइन में लगने के बाद जब उनका नंबर आया तो 1 सेकंड में ही धक्का देकर आगे बढ़ा दिया गया। यहां तैनात निजी सुरक्षाकर्मी और पुलिस के जवान श्रद्धालुओं के साथ अभद्र व्यवहार करते देखे गए। जिससे श्रद्धालुओं में नाराजगी रही।
देश के कौने-कौने से नागपंचमी पर्व पर श्रद्धालु बड़ी आस्था लिए उज्जैन में भगवान श्री नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन उनके साथ जब मंदिर में इस तरह के व्यवहार किया जाता है तो उनकी धार्मिक भावनाओं को काफी ठेस पहुंचती है। यह बात सही है कि लाखों लोग लाइन में लगे है तो मंदिर प्रांगण में ज्यादा समय किसी को भी ख्ड़े रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। लेकिन धक्का देकर श्रद्धालु को आगे बढ़ाना भी सही नहीं है। निरंतर लाइन चलाकर भी दर्शन व्यवस्था बनाई जा सकती है। और यदि कोई श्रद्धालु आगे नहीं भी बढ़ रहा है तो उससे हाथ जोड़कर निवेदन किया जा सकता है। लेकिन भगवान के दर्शन के लिए इतने घंटों लाइन में लगे श्रद्धालु के साथ दर्शन के समय इस तरह का अभद्र व्यवहार करना अपराध है। ऐसा नहीं है कि दर्शन में कोई बाधा आ रही हो। वीआईपी लोग लगातार अलग लाइन से आते रहे और दर्शन लाभ लेते रहे। वहीं पुलिस व प्रशासन के अधिकारी व उनके परिवार के लोगों ने भी खूब दर्शन किए। नेताओं ने भी स्वयं के साथ अपने परिवार को बिना लाइन में सीधे जाकर दर्शन करवाए।
मंदिर समिति ने जारी किए हजारों
पास, मीडिया के साथ धोखा किया
मंदिर समिति ने विशेष रंग के वीआईपी दर्शन के पास छपवाए थे जो नेताओं में बांटे गए। अफसरों ने अपने परिवार वालों को दिए और भी कई विशिष्टजनों तक ये पास पहुंचे लेकिन मीडिया के साथ यह कहकर समिति के अधिकारियों ने धोखा किया कि इस बार कोई दर्शन पास नहीं छपवाए गए है। पत्रकारों व उनके परिवार को दर्शन करने में काफी दिक्कत आई। जगह-जगह रोकटोक की गई। गेट नहीं खोले गए। अधिकारियों ने परेशान किया। सुरक्षा गार्डों ने भी रोका और पुलिस वालों ने भी धक्का-मुक्की की।
दोपहर में 12 बजे सरकारी हुई पूजा
शाम को मंदिर समिति ने की आरती
नागपंचमी पर त्रिकाल पूजा की परंपरा है। इसलिए पहली पूजा महानिर्वाणी अखाड़े ने पट खुलने के साथ संपन्न की थी। इसके बाद दूसरी पूजा मंगलवार की दोपहर में 12 बजे की गई। यह पूजा सरकारी पूजा होती है जिसमें कलेक्टर रोशन कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक सहित प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी व पुलिस के अधिकारी शामिल हुए। इसके बाद शाम को मंदिर प्रबंध समिति की ओर से तीसरी पूजा व आरती की गई। इस पूजा में समिति के अधिकारी भी शामिल हुए। महाकाल की संध्या आरती के बाद पंडे-पुजारी इस पूजन को करने पहुंचे।
